मध्य प्रदेश वन विभाग में कार्यरत स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। वन विभाग ने 2010 के ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति या मृत्यु होने की स्थिति में अधिकतम 10 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलेगी। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।
अब तक क्या थी ग्रेच्युटी की सीमा?
पहले, 1972 के ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत वन विभाग के स्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को केवल 3.5 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलती थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने 2010 में नए ग्रेच्युटी अधिनियम को लागू किया, जिसमें ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये कर दी गई थी। लेकिन, वन विभाग में यह अधिनियम अभी तक लागू नहीं हुआ था। अब, सालों बाद यह नया ग्रेच्युटी अधिनियम लागू किया गया है, जिससे कर्मचारियों को बड़ा फायदा मिलेगा।
कौन से कर्मचारी होंगे लाभान्वित?
वन विभाग के इस नए फैसले से दोनों प्रकार के कर्मचारी लाभान्वित होंगे –
- स्थाई कर्मचारी – जो वन विभाग में लंबे समय से सरकारी पद पर कार्यरत हैं।
- दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी – जो रोज़ाना के आधार पर वेतन पाते हैं और वन विभाग में वर्षों से काम कर रहे हैं।
अब तक, इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट या मृत्यु की स्थिति में सिर्फ 3.5 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी दी जाती थी, लेकिन अब नई सीमा 10 लाख रुपये होगी। इससे कर्मचारियों और उनके परिवारों को अधिक आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे होगी?
ग्रेच्युटी की राशि की गणना कर्मचारी के अंतिम वेतन और सेवा वर्षों के आधार पर की जाएगी। इसके तहत –
- कर्मचारी के हर महीने के अंतिम वेतन को ध्यान में रखा जाएगा।
- कर्मचारी ने कुल कितने वर्ष सेवा की, इसका आकलन किया जाएगा।
- इसी आधार पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी दी जाएगी।
ग्रेच्युटी क्या होती है?
ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को उनकी सेवा के बदले में दी जाने वाली एक आर्थिक सहायता होती है। यह एक प्रकार की रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम है, जिससे कर्मचारी को नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्त होने पर वित्तीय मदद मिलती है।
ग्रेच्युटी पाने के नियम क्या हैं?
- लगातार 5 साल काम करना जरूरी – किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए एक ही कंपनी या विभाग में कम से कम 5 वर्ष तक कार्य करना होता है।
- कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी होना जरूरी – “पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972” के तहत, जिस कंपनी या विभाग में 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां ग्रेच्युटी अनिवार्य रूप से दी जाती है।
- मृत्यु की स्थिति में 5 साल का नियम लागू नहीं होता – अगर कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो ग्रेच्युटी की पूरी राशि उसके परिवार या नॉमिनी को दी जाती है।
क्या अन्य विभागों में भी लागू होगा यह नियम?
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि अन्य सरकारी विभागों में भी यह नया ग्रेच्युटी अधिनियम जल्द लागू हो सकता है। इससे राज्य के अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी की बढ़ी हुई राशि का लाभ मिल सकता है।
वन विभाग द्वारा 2010 ग्रेच्युटी अधिनियम को लागू करने का फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी और सेवानिवृत्ति के बाद वे अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। अब स्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 3.5 लाख रुपये की बजाय 10 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलेगी।
अगर आप वन विभाग के कर्मचारी हैं, तो यह नया नियम आपके लिए महत्वपूर्ण है। इससे सेवानिवृत्त होने के बाद या किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में आपके परिवार को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।