फास्टैग (FASTag) एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जो RFID तकनीक पर काम करता है। इसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और जैसे ही वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, टोल शुल्क स्वचालित रूप से कट जाता है। इससे टोल प्लाजा पर समय की बचत होती है और नकद भुगतान की जरूरत नहीं पड़ती।
फास्टैग के नए नियम क्या हैं?
सरकार ने टोल कलेक्शन को और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में:
एक से अधिक फास्टैग पर भारी जुर्माना
Also Read:
BSNL सस्ती कीमत पर दे रहा 425 दिन की वैलिडिटी, सिंगल रिचार्ज से 15 महीने की टेंशन होगी छूमंतर
- यदि किसी वाहन पर एक से अधिक एक्टिव फास्टैग पाया गया, तो वाहन मालिक को ₹30,000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
अपर्याप्त बैलेंस होने पर पेनल्टी
- यदि फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस नहीं होगा, तो टोल प्लाजा पर दो से तीन गुना अधिक शुल्क देना पड़ सकता है।
गलत या डुप्लिकेट फास्टैग होने पर कार्रवाई
- यदि किसी वाहन पर गलत फास्टैग या डुप्लिकेट फास्टैग पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
सही इंस्टॉलेशन जरूरी
- फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन के सही स्थान पर लगाना अनिवार्य होगा, अन्यथा इसे अमान्य घोषित किया जा सकता है।
फास्टैग का समय पर रिन्यूअल जरूरी
- एक्सपायर हो चुके फास्टैग को समय पर रिन्यू नहीं कराने पर दोगुना चार्ज देना पड़ सकता है।
फास्टैग इस्तेमाल करते समय ध्यान देने वाली बातें
- फास्टैग में हमेशा पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें।
- टोल प्लाजा पर रुकने से बचने के लिए फास्टैग को सही जगह लगाएं।
- फास्टैग से जुड़ी जानकारी अपनी बैंकिंग ऐप या आधिकारिक वेबसाइट से चेक करें।
फास्टैग के नए नियमों को समझना और उनका पालन करना बहुत जरूरी है। यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए, समय पर फास्टैग अपडेट करें और बिना किसी रुकावट के यात्रा का आनंद लें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।