भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सिर्फ वाहन चालकों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं। ईंधन की कीमतों में बदलाव से परिवहन, वस्तुओं के दाम और महंगाई पर सीधा असर पड़ता है। 21 फरवरी 2025 को ईंधन की नई दरों में बदलाव हुआ है, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
कैसे तय होती हैं ईंधन की कीमतें?
ईंधन की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें, मुद्रा विनिमय दरें, सरकारी कर, और घरेलू मांग इन कीमतों को प्रभावित करते हैं। वर्तमान में कच्चे तेल की कीमतें $71-$75 प्रति बैरल के बीच हैं, जिसका असर भारतीय ईंधन बाजार पर पड़ा है।
देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम
भारत के अलग-अलग राज्यों में ईंधन की कीमतें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि राज्य सरकारें अपने अनुसार कर लगाती हैं। 21 फरवरी 2025 को प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62 प्रति लीटर
- मुंबई: पेट्रोल ₹103.44, डीजल ₹89.97 प्रति लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल ₹103.94, डीजल ₹90.76 प्रति लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल ₹100.85, डीजल ₹92.44 प्रति लीटर
ईंधन कीमतों में बदलाव के कारण
ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की मांग और आपूर्ति
- डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की स्थिति
- सरकारी कर और उपकर
- वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक घटनाएं
आम जनता पर प्रभाव
ईंधन की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है।
- परिवहन महंगा हो जाता है, जिससे बस और टैक्सी के किराए बढ़ सकते हैं।
- रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, क्योंकि उनके परिवहन लागत में वृद्धि होती है।
- महंगाई दर पर असर पड़ता है, जिससे घरेलू बजट प्रभावित होता है।
सरकार की भूमिका और टैक्स का प्रभाव
भारत सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाती है, जिससे इसकी कीमतें तय होती हैं। अलग-अलग राज्यों में अलग कर होने के कारण हर जगह ईंधन की कीमतें अलग-अलग होती हैं।
भविष्य में ईंधन बाजार का रुख
आने वाले समय में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा ईंधन की मांग को प्रभावित कर सकते हैं। सरकार भी ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने के लिए नई नीतियों पर काम कर रही है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई आर्थिक और राजनीतिक कारकों से प्रभावित होती हैं। आम जनता के लिए जरूरी है कि वे इन बदलावों से अवगत रहें और अपनी योजनाएं उसके अनुसार बनाएं। भविष्य में ऊर्जा के नए स्रोतों के विकास से ईंधन की कीमतों में स्थिरता आने की संभावना है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।